भारत गावों का देश है और इस स्वर्गनुमा गॉव में हमारे प्यारे किसान रहते है जो हमारे अन्नदाता है | इन्ही लोगों के लिए भारत सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी करता है ताकि इन लोगों को नुकसान न हो | न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी करने का भारत सरकार का मूल मकसद इन्हे किसी प्रकार के नुकसान से बचाना है | अगर किसी कारणों से न्यूनतम समर्थन मूल्य से इनके फसलों का दाम कम हो जाता है तो भारत सरकार इनके फसलों को खरीद लेता है | यही सब देखते हुए भारत सरकार कृषि लागत एवं मूल्य आयोग का गठन किया है |आईये कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के बारें में कुछ तथ्य जानते है |
* केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है |
अन्य सदस्य – रमेश चंद्र , एस सी शेखर , सुखपाल सिंह और नविन पी सिंह और अन्य विशेषज्ञ
* न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों एवं उपभोक्ताओं के लिए एक रियायती मूल्य सुनिश्चित करता है |
लागू – 1966-67
मूल्य की सिफारिश – कृषि लागत एवं मूल्य आयोग द्वारा
न्यूनतम समर्थन मूल्य में शामिल फसले –23
7 अनाज – धान, गेहू, मक्का, शरबत, मोती बाजरा, जौ और रागी
5 दाल – चना, अरहर, मुंग, उरद, मसूर
7 तिलहन – मूंगफली, सरसों, सोयाबीन, समुद्री घास, सूरजमुखी, कुसुम, निग़सीड
4 व्यावसायिक फसलें – खोपरा, ईख, कपास, और कच्ची जूट
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग
गठन -1965
अंतर्गत – कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय
संरचना – एक अध्यक्ष, सदस्य सचिव, एक सदस्य (आधिकारिक)
मुख्यालय – नयी दिल्ली
वर्त्तमान अध्यक्ष – विजय पाल शर्मा
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