इस लेख में हम आपको बिहार शिक्षक नियोजन 2023 के बारे में बताने वाले हैं | इस नए नियमावली के अनुसार नियमित शिक्षकों की बहाली होगी| अब ये नियोजित शिक्षक नहीं कहे जायेंगे इनका वेतन एवं सुबिधाये और भी आकर्षक होंगे तथा इसके साथ – साथ इन्हे राज्य कर्मी का भी दर्जा दिया जायेगा |
आइये अब बिहार शिक्षक नियोजन 2023 के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं | काफी लम्बे समय के बाद बिहार सरकार ने शिक्षक नियुक्ति के लिए नए नियमावली को मंजूरी दी है | बिहार के शिक्षा मंत्री श्रीं चंद्रशेखर ने मिडिया से बात करते हुए कहा की बिहार सरकार ने शिक्षक नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया बदल दी गयी है | बिहार सरकार की महत्वपूर्ण योजनाएं- 2023 (Important Schemes of Bihar Government)
इस नियमावली के बारे में लंबे समय से अटकने लगायी जा रही थी| आख़िरकार इस नियमावली को कैबिनेट के द्वारा मंजूरी दे दी गयी है |
आइये इस नयी नियमावली को पॉइंट वाइज समझने की कोशिश करते है |
- शिक्षकों की नियुक्ति अब BPSC के माध्यम से होगी |
- उत्तीर्ण अभ्यर्थी इस Exam को अधिकतम तीन बार ही दे सकेंगे|
- बहाल शिक्षक सरकारी कर्मी कहलायेंगे, इन्हे अन्य सरकारी कर्मियों की तरह अनुकम्पा का लाभ भी मिलेगा |
- बिहार राज्य में 2006 से लागु नगर निकाय संस्था एवं पंचायती राज संस्था के अंतर्गत शिक्षकों की नियुक्ति से सम्बंधित नियमावली को रद्द कर दी गयी हैं |
- राज्य में पूर्व से नियोजित शिक्षक भी नए संवर्ग में नियुक्त हो सकेंगे इसके लिए उन्हें आयु सिमा में 10 वर्ष तक की छूट दी जाएगी |
- Exam में पास होने वाले पुराने नियोजित शिक्षकों का वेतन का निर्धारण उनकी वरियता के हिसाब से तय की जाएगी |
विद्यालय के अध्यापक के पद पर नियुक्ति हेतु अनियार्य अहर्ताए –
- वह भारत का नागरिक हो एवं बिहार राज्य का स्थायी निवासी हो |
- वह राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा समय – समय पर निर्धारित शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक योग्यता धारित करता हो |
- राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण हो, परन्तु वर्ष 2012 से पूर्व कार्यरत शिक्षकों पर शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्णता अनिवार्य नहीं होगी |
- प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में अध्यापको की नियुक्ति के लिए नियुक्ति वर्ष की पहली अगस्त को अभ्यर्थियों की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होगी एवं कोटि के अनुसार अधिकतम आयु सिमा वही होगी जो राज्य सरकार द्वारा समय – समय पर बिहित की जाये |
- इसी प्रकार माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्ति हेतु न्यूनतम आयु 21 वर्ष रखी गयी है |
आरक्षण –
- राज्य सरकार के अधीन सीधी नियुक्ति में सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा लागु आरक्षण का प्रावधान प्रभावी होगा | इसमें महिलाएं अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रत्येक विषय में न्यूनतम 50% आरक्षित होगी |
- विषम संख्या रहने पर अंतिम पद महिला अभ्यर्थी के लिए चिन्हित किया जायेगा|
नियुक्ति की प्रक्रिया–
- शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालय के अध्यापक के पद पर सीधी नियुक्ति हेतु जिला स्तर पर रिक्त पदों की गणना कर रोस्टर क्लीयरेंस के साथ आरक्षण कोटिवार अधिसूचना के अनुसार आयोग को भेजी जाएगी|
- सीधी भर्ती हेतु प्राप्त अधिसूचना के आलोक में आयोग रिक्तियों की संख्या विज्ञापित करेगी|
- आयोग द्वारा विज्ञापित आवेदन पत्र के विद्यालय अध्यापक अभ्यर्थी द्वारा योग्यता से संबंधित स्वघोषणा पत्र के आधार पर उनकी उम्मीदवारी का मूल्यांकन किया जाएगा |
- परीक्षा हेतु पाठ्यक्रम का निर्धारण आयोग द्वारा प्रशासन विभाग के परामर्श से किया जाएगा|
- निर्धारित पाठ्यक्रम के आलोक में परीक्षा का आयोजन प्रश्न पत्रों का निर्धारण उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन तथा परीक्षा फल का प्रकाशन आयोग द्वारा किया जाएगा|
- परीक्षा के पैटर्न का निर्धारण आयोग द्वारा ही किया जाएगा|
- उक्त परीक्षा के लिए अहर्ताक नियत करने का विवेकाधिकार आयोग के पास होगा|
- आयोग द्वारा की गई अनुशंसा नियुक्ति का अधिकार तब तक नहीं प्रदान करेगी जब तक की यथा आवश्यक प्रमाण पत्रों की जांच के उपरांत प्रशासन विभाग संतुष्ट ना हो जाए कि अभ्यर्थी अभ्यर्थी विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए सभी दृष्टि से उपयुक्त है|
परिवीक्षा अवधि–
- सीधी भर्ती से नियुक्त किए जाने वाले विद्यालय अध्यापकों के लिए परिवीक्षा अवधि योगदान की अवधि के प्रभाव से 2 वर्षों के लिए होगी|
- परिवीक्षा अवधि संतोषजनक नहीं पाए जाने की दशा में परिवीक्षा अवधि का विस्तार 1 वर्ष के लिए किया जा सकेगा|
- यदि विस्तारित अवधि में ही सेवा संतोषजनक नहीं पाई जाएगी तो नियुक्ति प्राधिकार ऐसे विद्यालय अध्यापकों को अध्यापक को सुनवाई का एक और अवसर देते हुए उन्हें सेवा मुक्त कर दिया जाएगा|
स्थानांतरण–
- नई नियमावली में सरकार ने शिक्षकों की नियुक्ति आयोग के जरिए करने का फैसला लिया है जो राज्य स्तर पर नियुक्ति होगी|
- फिर उनकी जिलों में पोस्टिंग की जाएगी|
- नई नियुक्ति में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया जाएगा|
- वहीं शिक्षकों को ट्रांसफर की भी सुविधा दी जाएगी जब शिक्षक राज्य कर्मी हो जाएंगे तो उन्हें राज्य सरकार के कर्मचारियों की तरह ही ट्रांसफर पोस्टिंग की सुविधा मिलेगी|
निष्कर्ष–
पंचायत एवं नियोजन इकाइयों के माध्यम से बहाली में गड़बड़ी की शिकायत हमेशा मिलती रहती थी| इन शिक्षकों पर अनुशासन करवाई में विभाग को काफी परेशानी होती थी, लेकिन अब बीपीएससी से परीक्षा के आधार पर चयन होने से योग्य शिक्षक ही आ सकेंगे| बीपीएससी से अधिक योग शिक्षक स्कूलों के लिए चयनित होंगे, जिसके फलस्वरूप इसका असर निश्चित ही क्वालिटी एजुकेशन पर पड़ेगा|