Deendayal Antyodaya Yojana – National Rural Livelihoods Mission (DAY-NRLM)-

Deendayal Antyodaya Yojana – National Rural Livelihoods Mission (DAY-NRLM) अनिवार्य रूप से केंद्र सरकार का गरीबी राहत कार्यक्रम है। इसे वर्ष 2011 में भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा ‘आजीविका – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम)’ के रूप में लॉन्च किया गया था। 2015 में इसका नाम बदलकर Deendayal Antyodaya Yojana – National Rural Livelihoods Mission (DAY-NRLM) कर दिया गया।

Deendayal Antyodaya Yojana - National Rural Livelihoods Mission (DAY-NRLM)-
Deendayal Antyodaya Yojana – National Rural Livelihoods Mission (DAY-NRLM)-

 

दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) 2015 में भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम है। मिशन का उद्देश्य समुदाय आधारित स्वरोजगार और उद्यम विकास को बढ़ावा देकर ग्रामीण परिवारों की आजीविका में सुधार करना है।

यह लेख DAY-NRLM के कार्यान्वयन, उपलब्धियों, चुनौतियों और आगे बढ़ने के तरीकों सहित इसके विवरण में मदद करेगा।

DAY-NRLM का अवलोकन (Overview of DAY-NRLM)

DAY-NRLM, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) का एक अभिन्न अंग है, जिसे 2011 में लॉन्च किया गया था। यह कार्यक्रम ग्रामीण गरीबों को लक्षित करता है और उन्हें स्थायी आजीविका के अवसर प्रदान करने का लक्ष्य रखता है। इस योजना का उदेश्य मजबूत समुदाय-आधारित संस्थानों के निर्माण पर है जो इन परिवारों को सहायता प्रदान कर सकते हैं और उनका आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण सुनिश्चित कर सकते हैं।

DAY-NRLM की संरचना (Structure of DAY-NRLM)

DAY-NRLM राष्ट्रीय और राज्य दोनों स्तरों पर कार्य करता है। राष्ट्रीय स्तर पर, ग्रामीण विकास मंत्रालय कार्यक्रम के लिए समग्र मार्गदर्शन और वित्त पोषण प्रदान करता है। राज्य स्तर पर, कार्यक्रम के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (SRLM) की स्थापना की गई है।

SRLM समुदाय-आधारित संस्थानों की स्थापना और उन्हें मजबूत करने, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण सहायता प्रदान करने और ऋण और अन्य संसाधनों तक पहुंच को सुविधाजनक बनाने के लिए जिम्मेदार हैं।

DAY-NRLM की रणनीतियां और दृष्टिकोण (Strategies and approaches of DAY-NRLM)

DAY-NRLM गरीबी उन्मूलन के लिए समुदाय संचालित दृष्टिकोण अपनाता है। कार्यक्रम का उद्देश्य गरीब परिवारों और समुदायों की क्षमताओं का निर्माण करना है ताकि वे अपने स्वयं के विकास का प्रबंधन कर सकें। कार्यक्रम निम्नलिखित रणनीतियों पर केंद्रित है:

  • सामाजिक लामबंदी और संस्था निर्माण: कार्यक्रम मजबूत स्वयं सहायता समूहों (SHG) और अन्य समुदाय-आधारित संस्थानों का निर्माण करके समुदायों को सशक्त बनाने का प्रयास करता है।
  • वित्तीय समावेशन: कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण गरीबों के लिए ऋण और अन्य वित्तीय सेवाओं तक पहुंच बढ़ाना है।
  • आजीविका संवर्धन: यह कार्यक्रम ग्रामीण परिवारों को कृषि, पशुपालन और सूक्ष्म उद्यमों जैसी विभिन्न आजीविका गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सहायता प्रदान करता है।
  • क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण: कार्यक्रम ग्रामीण गरीबों को उनके कौशल और ज्ञान को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण सहायता प्रदान करता है।

DAY-NRLM में शामिल प्रमुख हितधारक (Key stakeholders involved in DAY-NRLM)

DAY-NRLM कार्यान्वयन में शामिल निम्नलिखित प्रमुख हितधारक हैं:

  • ग्रामीण विकास मंत्रालय: मंत्रालय कार्यक्रम के लिए समग्र मार्गदर्शन और वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
  • राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन: SRLM राज्य स्तर पर कार्यक्रम को लागू करने के लिए जिम्मेदार है।
  • स्वयं सहायता समूह: स्वयं सहायता समूह कार्यक्रम में प्राथमिक हितधारक हैं।
  • बैंक और वित्तीय संस्थान: बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान स्वयं सहायता समूहों और अन्य ग्रामीण परिवारों को ऋण और वित्तीय सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • गैर-सरकारी संगठन: एनजीओ एसएचजी और अन्य समुदाय-आधारित संस्थानों को तकनीकी सहायता, क्षमता निर्माण और अन्य प्रकार की सहायता प्रदान करते हैं।
  • सरकारी एजेंसियां: विभिन्न सरकारी एजेंसियां डीएवाई-एनआरएलएम कार्यान्वयन में शामिल हैं, जैसे कि कृषि विभाग, पशुपालन और डेयरी विभाग, और मत्स्य पालन विभाग।

DAY-NRLM का कार्यान्वयन (Implementation process of DAY-NRLM)

DAY-NRLM की कार्यान्वयन प्रक्रिया

DAY-NRLM के कार्यान्वयन में निम्नलिखित चरण शामिल हैं:

  1. गरीब परिवारों की पहचान: कार्यान्वयन प्रक्रिया में पहला कदम लक्ष्य क्षेत्र में गरीब परिवारों की पहचान करना है।
  2. SHGs का गठन: एक बार गरीब परिवारों की पहचान हो जाने के बाद, उन्हें SHGs में संगठित किया जाता है। प्रत्येक एसएचजी में 10-20 सदस्य होते हैं जो अपनी आजीविका से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने और उन्हें संबोधित करने के लिए नियमित रूप से मिलते हैं।
  3. प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण: एसएचजी सदस्यों को उनके कौशल और ज्ञान को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण सहायता प्रदान की जाती है।
  4. क्रेडिट और वित्तीय सेवाओं तक पहुंच: एसएचजी क्रेडिट और अन्य वित्तीय सेवाओं तक पहुंचने के लिए बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से जुड़े हुए हैं।
  5. आजीविका संवर्धन: एसएचजी को विभिन्न आजीविका गतिविधियों, जैसे कृषि, पशुधन पालन और सूक्ष्म उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए समर्थन दिया जाता है।
  6. निगरानी और मूल्यांकन: कार्यक्रम की प्रभावशीलता का आकलन करने और सुधार के लिए क्षेत्रों की पहचान करने के लिए नियमित रूप से निगरानी और मूल्यांकन किया जाता है।

DAY-NRLM कार्यान्वयन में विभिन्न हितधारकों की भूमिका (Role of various stakeholders in DAY-NRLM implementation)

DAY-NRLM कार्यान्वयन में शामिल विभिन्न हितधारकों की विशिष्ट भूमिकाएँ हैं:

  • ग्रामीण विकास मंत्रालय: मंत्रालय कार्यक्रम के लिए समग्र मार्गदर्शन और वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
  • राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन: SRLM राज्य स्तर पर कार्यक्रम को लागू करने के लिए जिम्मेदार है।
  • स्वयं सहायता समूह: स्वयं सहायता समूह अपने सदस्यों की आजीविका आवश्यकताओं की पहचान करने और उन्हें संबोधित करने के लिए जिम्मेदार हैं। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 2.0 (Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojana 2.0)

ग्रामीण परिवारों पर DAY-NRLM का प्रभाव (Impact of DAY-NRLM on rural households)

DAY-NRLM कार्यक्रम का भारत में ग्रामीण परिवारों की आजीविका पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। कुछ प्रमुख प्रभाव हैं:

  • ऋण और वित्तीय सेवाओं तक बेहतर पहुंच, जिसने ग्रामीण परिवारों को विभिन्न आजीविका गतिविधियों में निवेश करने और उनकी आय में सुधार करने में सक्षम बनाया है।
  • विभिन्न आजीविका गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि हुई है, जिससे उनका सशक्तिकरण हुआ है और सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है।
  • स्थायी आजीविका गतिविधियों को बढ़ावा देना, जैसे कि जैविक खेती और पशुधन पालन, जिससे प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और पर्यावरण की दृष्टि से स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा मिला है।
  • गरीबी में कमी और ग्रामीण परिवारों के जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार।

 

डीएवाई-एनआरएलएम की प्रमुख उपलब्धियां (Achievements of DAY-NRLM)

डीएवाई-एनआरएलएम ने भारत में ग्रामीण परिवारों की आजीविका में सुधार लाने में उल्लेखनीय प्रगति की है। इसकी कुछ प्रमुख उपलब्धियाँ निम्नलिखित हैं:

  • देश भर में 8.8 मिलियन से अधिक स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) का गठन।
  • एसएचजी में 100 मिलियन से अधिक ग्रामीण परिवारों को जुटाना।
  • 50 मिलियन से अधिक SHG सदस्यों को ऋण का प्रावधान।
  • 2.7 मिलियन से अधिक सूक्ष्म उद्यमों का निर्माण।
  • 5 मिलियन से अधिक आजीविका गतिविधियों को बढ़ावा देना।

डीएवाई-एनआरएलएम द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियाँ (Challenges faced by DAY-NRLM)

अपनी सफलताओं के बावजूद, डीएवाई-एनआरएलएम को इसके कार्यान्वयन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ प्रमुख चुनौतियाँ हैं:

  • दूरस्थ और अविकसित क्षेत्रों में ऋण और वित्तीय सेवाओं तक सीमित पहुंच, जो आजीविका गतिविधियों के विकास में बाधा डालती है।
  • एसएचजी सदस्यों के बीच तकनीकी ज्ञान और कौशल की कमी, जो नई आजीविका प्रथाओं और प्रौद्योगिकियों को अपनाने की उनकी क्षमता को सीमित करती है।
  • कार्यक्रम में पुरुषों की सीमित भागीदारी, जो विभिन्न आजीविका गतिविधियों में परिवारों की पूर्ण भागीदारी में बाधा डालती है।
  • बाजार लिंकेज की सीमित उपलब्धता, जो ग्रामीण परिवारों द्वारा उत्पादित उत्पादों की बिक्री में बाधा डालती है।

 

एनआरएलएम के तहत उप-योजनाएं (Sub-schemes under NRLM)

आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना (AGEY) Aajeevika Grameen Express Yojana (AGEY)

  • यह योजना 2017 में शुरू की गई थी।
  • इसका उद्देश्य मूल योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन सेवाओं की पेशकश करने में सक्षम बनाकर आजीविका के वैकल्पिक स्रोत प्रदान करना है।
  • यह योजना क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास के लिए प्रमुख सुविधाओं और सेवाओं (स्वास्थ्य, बाजार और शिक्षा तक पहुंच) के साथ दूरस्थ क्षेत्रों में गांवों को जोड़ने के लिए सस्ती, सुरक्षित और समुदाय-निगरानी वाली ग्रामीण परिवहन सेवाएं प्रदान करती है।

 

महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना (MKSP) Mahila Kisan Sashaktikaran Pariyojana (MKSP)

  • इस उप-योजना का मुख्य उद्देश्य उनकी भागीदारी और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए व्यवस्थित निवेश करके कृषि में महिलाओं को सशक्त बनाना है।
  • कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं से संबंधित कृषि आधारित आजीविका बनाने और बनाए रखने का भी प्रयास करता है।
  • अन्य उद्देश्य घरों में भोजन और पोषण सुनिश्चित करना, महिलाओं के लिए सेवाओं और इनपुट तक बेहतर पहुंच को सक्षम बनाना, महिलाओं की प्रबंधकीय क्षमताओं में सुधार करना आदि हैं।

 

स्टार्ट-अप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम (एसवीईपी) Start-up Village Entrepreneurship Programme (SVEP)

  • इस उप-योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना है।
  • यह योजना ग्रामीण स्टार्टअप्स से संबंधित तीन प्रमुख बाधाओं को दूर करेगी:
  • एक ज्ञान पारिस्थितिकी तंत्र की कमी
  • एक वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र की कमी
  • एक ऊष्मायन पारिस्थितिकी तंत्र की कमी
  • एसवीईपी ग्रामीण गरीब युवाओं के लिए स्थायी स्वरोजगार के अवसरों के निर्माण की कल्पना करता है, जिससे उन्हें बाजार के साथ प्रभावी ढंग से जुड़ने और स्थानीय स्तर पर धन उत्पन्न करने में मदद मिलती है।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका परियोजना (NRLP) National Rural Livelihoods Project (NRLP)

  • NRLP को ‘अवधारणा का प्रमाण’ बनाने और केंद्र और राज्य स्तरों पर क्षमता निर्माण करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए NRLM को ट्रांज़िट करने के लिए एक सुविधाजनक वातावरण बनाया जा सके।

 

निष्कर्ष (Conclusion)

दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य देश में ग्रामीण परिवारों की आजीविका में सुधार करना है। कार्यक्रम स्थायी आजीविका गतिविधियों को बढ़ावा देने, महिलाओं को सशक्त बनाने और गरीबी को कम करने में सफल रहा है।

हालांकि, कार्यक्रम की पूरी क्षमता का एहसास सुनिश्चित करने के लिए कई चुनौतियों का समाधान करने की आवश्यकता है। डीएवाई-एनआरएलएम ग्रामीण क्षेत्रों में समावेशी विकास और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है और इसके लिए निरंतर समर्थन और निवेश की आवश्यकता है।

पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

  1. DAY-NRLM का उद्देश्य क्या है?

डीएवाई-एनआरएलएम का उद्देश्य स्थायी आजीविका गतिविधियों को बढ़ावा देकर, ऋण और वित्तीय सेवाओं तक पहुंच प्रदान करके और महिलाओं को सशक्त बनाकर भारत में ग्रामीण परिवारों की आजीविका में सुधार करना है।

  1. DAY-NRLM को कैसे वित्तपोषित किया जाता है?

इस कार्यक्रम को केंद्र प्रायोजित योजना के माध्यम से भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाता है, जिसमें केंद्र सरकार 90% धन प्रदान करती है और राज्य सरकार शेष 10% प्रदान करती है।

  1. DAY-NRLM कार्यान्वयन में शामिल हितधारक कौन हैं?

डीएवाई-एनआरएलएम कार्यान्वयन में शामिल हितधारकों में ग्रामीण विकास मंत्रालय, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, स्वयं सहायता समूह, बैंक और वित्तीय संस्थान, गैर-सरकारी संगठन और सरकारी एजेंसियां शामिल हैं।

  1. DAY-NRLM की कुछ प्रमुख उपलब्धियां क्या हैं?

डीएवाई-एनआरएलएम की कुछ प्रमुख उपलब्धियों में 8.8 मिलियन से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन, 50 मिलियन से अधिक एसएचजी सदस्यों को ऋण का प्रावधान, और 5 मिलियन से अधिक आजीविका को बढ़ावा देना शामिल है।

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